Saturday, February 13, 2016

याद आती है।

दिल के अंधियारों मे 
जब एक किरण सी चमकती है
मुझे तेरी
याद आती है।
घिर जाती हुँ तूफ़ानों मे जब 
ढूँढती हुँ साहिल को 
मुझे तेरी याद आती है।
जब तारों भरी रात मै
नाचती हुँ चाँदनी मे संग तेरे
मुझे तेरी याद आती है।
जब देखती हुँ नन्ही बेटी को
पापा की बाँहों मे खेलते
मुझे तेरी याद आती है।
जब होती हुँ उदास और अकेली
भरती हुँ सिसकी
मुझे तेरी याद आती है।
मंदिरों मे दिये की लो के साथ
जब बजती है घंटी
मुझे तेरी याद आती है।
मै जानती हुँ
तुम हो हर दम साथ मेरे
फिर याद तेरी कियुं कभी कभी आती है ।
-----मधुर -------

Thursday, February 11, 2016

ऑंख मिचोली


खेलो न  मुझ से ऑंख मिचोली
मैं कभी   हाथ न आऊँगी 
 तेरी बाँसुरी के छिद्रों मे छुप जाऊँगी
रागिनी वन कर गुनगुनाऊँगी 
तुम ने की बहुत आँख मिचोली 
अब बारी मेरी है,
खेलो ना  मुझ से--------------
माखन चोरी 
दूध की मटकियाँ फोड़ी 
जब चाहा मेरी बहियाँ मरोड़ी
अब बारी मेरी है,
खेलो ना मुझ से----------------
यशोदा ने कान मरोड़ी
गवालों की तूने लाठी  तोड़ी
गोपियों के संग की जोरा जोरी
अब बारी मेरी है,
खेलो ना मुझ से----------------
ले जाओ यह ओढ़नी मेरी 
मै कभी संग ना आऊँगी
करोगे जब याद मुझ को 
मैं बादलों मे छुप जाऊँगी 
खेलो ना मुझ से----------------
व्याकुल जब तुम हो जाना
ओढ़नी  ओढ़ कर सो जाना 
सपनो मे विहार करना
आँख खुले तो बादलों मे ढूँढना
मै सावन बन कर बरसुंगी
पर कभी हाथ ना आऊँगी
खेलो ना मुझ से आँख मिचोली
मैं कभी हाथ ना आंऊगी 
तेरी बँसुरी के छिद्रों मे छुप जाऊँगी 
बाहर कभी न आऊँगी
-------मधुर--------