Saturday, February 13, 2016

याद आती है।

दिल के अंधियारों मे 
जब एक किरण सी चमकती है
मुझे तेरी
याद आती है।
घिर जाती हुँ तूफ़ानों मे जब 
ढूँढती हुँ साहिल को 
मुझे तेरी याद आती है।
जब तारों भरी रात मै
नाचती हुँ चाँदनी मे संग तेरे
मुझे तेरी याद आती है।
जब देखती हुँ नन्ही बेटी को
पापा की बाँहों मे खेलते
मुझे तेरी याद आती है।
जब होती हुँ उदास और अकेली
भरती हुँ सिसकी
मुझे तेरी याद आती है।
मंदिरों मे दिये की लो के साथ
जब बजती है घंटी
मुझे तेरी याद आती है।
मै जानती हुँ
तुम हो हर दम साथ मेरे
फिर याद तेरी कियुं कभी कभी आती है ।
-----मधुर -------

No comments:

Post a Comment