तुम मेरी गली मे आना
कभी राम बन कर कभी श्याम बन कर
तुम मेरी गली मे आना
कभी महांदेव बन कर कभी सद्गुरू बन कर
तुम मेरी गली मे आना ,
मैं फूलों की सेज बिछाऊँ
मै चंदन का टीका लगाऊँ
मैं घी का दीपक जलाऊँ
तुम मेरी ....................
मैं बसी की धुन पर गाऊँ
मैं वीणा के तार हिलाऊँ
मैं मोरनी बन कर नाचुं
तुम मेरी...............
मैं फुलें का हार पहनाऊँ
मै रेशमी शाल ओढाऊं
मैं चरणों को धो धो पिऊँ
तुम मेरी.................
------मधुर--------
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