Monday, July 6, 2015

एक भक्त की पुकार



तुम मेरी गली मे आना 

कभी राम बन कर कभी श्याम बन कर 
तुम मेरी गली मे आना 
कभी महांदेव बन कर कभी सद्गुरू बन कर 
तुम मेरी गली मे आना ,

मैं फूलों की सेज बिछाऊँ 
मै चंदन का टीका लगाऊँ
मैं घी का दीपक जलाऊँ
तुम मेरी ....................

मैं बसी की धुन पर गाऊँ 
मैं वीणा के तार हिलाऊँ
मैं मोरनी बन कर नाचुं
तुम मेरी...............

मैं फुलें का हार पहनाऊँ
मै रेशमी शाल ओढाऊं
मैं चरणों को धो धो पिऊँ
तुम मेरी.................

------मधुर--------

No comments:

Post a Comment