Poems by Madhur Gupta (मधुर का कविता संग्रह )
Tuesday, November 13, 2018
चाहत
घना सा जंगल हो
पतों की सरसराहट हो
चाँदनी रात हो
तारों की बारात हो
झरनो का संगीत हो
फूलों की बारिश हो
बाँसुरी की धुन हो
बस तेरा मेरा साथ हो
हम अपने में इतना मस्त हों
कि दुनीया की ख़बर न हो
बस तेरा मेरा साथ हो ।
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