बादलों का गरजना पानी का बरसना
बृक्षो का टूट कर धरा पर गिरना
एक भंयकर नज़ारा ।
मगर एक बिजली का वल्लभ
टिमटिमा रहा है खम्भे के उपर
फैला रहा है रोशनी बेधड़क हो कर
बह एक बिजली की तार से जुड़ा है
वही तार उसे कारंट दे रही है।
हमें भी जुड़ना है उसी तार से
जिस से हमें कारंट मिल रहा है
फिर हमें भी काहे का डर
तुफानो से लड़ सकते है
आँधियों से टकरा सकते हैं
हो कर निडर ख़ुशहाली से जी सकते हैं
--------मधुर--------
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