Sunday, November 27, 2016

सद्गुरू



जिस ने नवाजी है यह जिंदगी
उस को तो कभी देखा नही 
जिस ने सवारी है यह जिंदगी 
उस की करती हुँ दिन रात बंदगी 
वह जाने या ना जाने उस की परवाह नही 
जुड़ी है हर साँस उनकी सासों के साथ
उनकी सांसें भी धड़कती होगी मेरी धड़कनो के साथ
-----मधुर--------

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