हमें इस बात को हमेशा दोहराना है
एक दिन हमें भी इस जहाँ से जाना है
यह तो घर अपना नहीं किराये का ठिकाना है
जहाँ से आए है फिर वहीं वापिस जाना है
क्यों करते हो जमा, इतना धन संपती और जायदाद
यह सब यहीं तो छोड जाना है।
कर लो दोस्ती उसी से जिस के पास जाना है
क्यों करते हो इतनी चिंता क्या ले जाना है
लाए हो एक पिजंर उन्नीस या बीस इंच का
वह भी यहीं छोड़ जाना है।
जागो ,खोलो आँखे ,जानो कौन हो
किस मक़सद से आए हो ,कहाँ जाना है।
यह दुनीया तो एक माया है, भ्रम है
इस भ्रम मे नही अटक जाना है
इस मे तो सिर्फ़ एक कमल के फूल
की तरह रह जाना है।
नही पड़ना चौरासी के चक्करों मे
ढूँढना अपना असली ठिकाना है।
जिदंगी तो एक पानी का बुलबुला है
न जाने कब फूट जाए ।
कर लो तैयारी अभी से ना जाने कब
बुलावा आ जाए।
ढूँढ लो पता उस का Internet से वहाँ शाही ठिकाना है
उस के पास तो क्यानात का ख़ज़ाना है।
कर लो आज से ही reserve एक अच्छा सा पिंजर
जिस मे फिर वापिस आना है,
कौन जाने शायद वहीं रह जाना है।
कर लो दोस्ती उसी से जिस के पास जाना है
दुनिया तो एक ड्रामा है जिस मे
अच्छे से रोल निभाना है
आए थे रोते रोते बस हँसते हँसते वापिस जाना है।
जीवन तो है गाड़ी का एक सुहाना सफ़र जिसको
हँस कर ख़ुशी से तय कर जाना है
आते ही मंज़िल अपनी स्टेशन पर उतर जाना है
कर लो दोस्ती उसी से जिस के पास जाना है
करो याद उसे दिन रात जिसे
अपनी कशती का मलाह बनाना है
उसी के पास तो हमारा असली ठिकाना है।
फिर मौत से क्या घबराना
यह तो सफ़र सुहाना है
एक नगरी से निकल कर दूसरी नगरी मे जाना है
मौत तो एक सुन्दर अफ़साना है
जो पिछे रह जाने वालों ने गुनगुनाना है।
रोते रोते आए थे हँसते हँसते विदा हो जाना है
कर लो दोस्ती----------
--------मधुर---------
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