Poems by Madhur Gupta (मधुर का कविता संग्रह )
Monday, May 11, 2015
लड़की
लड़की की दासता
पैदा होती है जब लड़की
आँहें भरता है परिवार
बड़ी होती है जब वह
तो आहें भरता है ज़माना
डोली मे बैठती है तो
आहें भरता है मुहल्ला
यह तो उसकी तक़दीर है
मिलती है फूलों की बगिया
या काँटों भरा आशियाना ।
-----मधुर----
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