Thursday, May 7, 2015

आँसु





हम ने उनकी याद मे आँसु बहा कर

चुनरी भिगो दिया,
बह आये आँसु उड़ाये
बादल बनाये फिर 

छम छम बरसाये
हम को नहलाये।
जय हो प्रभु
----मधुर----

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