सब की रगों मे तू रेंगता है
हर एक की साँस मे तू बसता है
बन कर लाल ख़ून तू बहता है
हर रगं मे तू रहता है।
फिर यह रंगो की लड़ाई क्यों
सभी ढुंढते है तुझको कयों
सभी के साथ तो तू रहता है।
तेरे नाम पर लड़ते हे सभी कयों
एक ही "ऊँ" मै तु समाया है
आमीन,एकम कार,अल्लाह।
हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाइ
यह बिखरे नाम कयों
सब के दिलो -----
सब की रगों-------
इन फूलों की महक मे तू महकता है
इन पौधों व वृक्षों मे तू झूमता है
इन बारीश की बुंदो मे तू बरसता है
सूरज की किरणों मे तू चमकता है
चंदा की चाँदनी मे तू बिखरता है
यही है एक सत्य कि
तू एक ही सच्चिदानंद है
फिर यह लड़ाई झगड़े कयों
यह गोला बारूद कयों
यह बिखरी लाशें कयों
तेरे नाम पर यह विवाद कयों
सभी के दिलों मे तो तू धड़कता है
सभी की रगों मे तो तू रेंगता है
-----मधुर------