इस रंग बिरंगी दुनीया मे
मुझ को भी रंग ज़माना है,
लेकर उस से एक पिचकारी
सब को उसी के रंग में रंग देना है।
लाल ,पिला,नीला और काला सफ़ेद
सब को सप्तरंगी इन्द्र धनुष में मिल जाना है।
कड़ी बारीश के बाद हल्की धूप में
फिर नीले अम्बर मे उभर आना है।
मेरा तो बस एक ही अफ़साना है
इस सृषटि में ईश का रंग फैलाना है,
आसमानी परिंदों के साथ सदा चहचहाना है।
-------मधुर------
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