Thursday, April 23, 2015

चलती जाऊं


 पाने की खोज   
लम्बी हो घास नंगे हों पाँव
बस चलती जाऊँ चलती जाऊँ 
एक अनजानी राह पर ,
थक जाऊँ बैठ जाऊँ पल भर के लिये
फिर चल पड़ूँ ,एक ही लगन के साथ
कि पा जाऊँ तुम्हें एक दिन,
बस चलती जाऊँ चलती जाऊँ
एक---------
यह तो मैं नही जानती 
मेरी मंज़िल है कहाँ फिर भी 
चलती जाऊँ ,चलती जाऊँ 
एक ---------
तेरी खोज में
----मधुर

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